इतने
ऊँचे
उठो
कि
जितना
उठा
गगन
है।
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से
जाति भेद की, धर्म-वेश की
काले गोरे रंग-द्वेष की
ज्वालाओं से जलते जग में
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से
जाति भेद की, धर्म-वेश की
काले गोरे रंग-द्वेष की
ज्वालाओं से जलते जग में
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है॥
प्रसंग: प्रस्तुत पद्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक
________ से ली गई हैं । इस कविता का शीर्षक ’इतने ऊँचे उठो’ है। इस कविता के कवि
’श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी’ है।
संदर्भ: प्रस्तुत पंक्तियों में, सभी भेदभावों से ऊपर उठकर
समाज में समानता का भाव जगाने की बात कही गई है।
अर्थ: प्रस्तुत पद्य पंक्तियों में कवि कहते हैं कि हमें नए
समाज निर्माण में अपनी नई सोच को जाति, धर्म, रंग-द्वेष आदि जैसे भेदभावों से ऊपर उठकर सभी को समानता
की दृष्टि से देखना चाहिये। जिस प्रकार वर्षा सभी के ऊपर समान रूप से होती है उसी
प्रकार हमें भी सभी के साथ समान रूप से पेश आना चाहिए। हमें नफरत की आग को समाप्त
कर समाज में मलय पर्वत से आने वाली हवा की तरह शीतलता और शांति लाने का प्रयत्न
करना चाहिए।
नये हाथ से, वर्तमान का रूप सँवारो
नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो
नये राग को नूतन स्वर दो
भाषा को नूतन अक्षर दो
युग की नयी मूर्ति-रचना में
इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है॥
नयी तूलिका से चित्रों के रंग उभारो
नये राग को नूतन स्वर दो
भाषा को नूतन अक्षर दो
युग की नयी मूर्ति-रचना में
इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है॥
अर्थ: इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि नए समाज के निर्माण
में हमें आगे बढ़कर अपनी कल्पनाओं को आकार देकर उन्हे वास्तविक जीवन में लाने का
प्रयत्न करना चाहिए। जिसप्रकार कोई कलाकार अपनी कूँची से अपने चित्रों में रंग
भरता है, और जिसप्रकार संगीतकार अपने नए राग में स्वरों को पिरोता है, उसी प्रकार
हमें भी अपने समाज को नया रूप देने के लिए सृजनात्मक बनना होगा। और सृजन को हमें
अपने अंदर मौलिक रूप से ग्रहण करना होगा।
लो अतीत से उतना ही जितना पोषक है
जीर्ण-शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है
तोड़ो बन्धन, रुके न चिंतन
गति, जीवन का सत्य चिरन्तन
धारा के शाश्वत प्रवाह में
इतने गतिमय बनो कि जितना परिवर्तन है।
जीर्ण-शीर्ण का मोह मृत्यु का ही द्योतक है
तोड़ो बन्धन, रुके न चिंतन
गति, जीवन का सत्य चिरन्तन
धारा के शाश्वत प्रवाह में
इतने गतिमय बनो कि जितना परिवर्तन है।
अर्थ: कवि कहते हैं कि हमे अपने अतीत में हुई बुरी घटनाओं
को छोड़कर केवल अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि ये अच्छी यादे या घटनाएँ
ही हमारे भविष्य निर्माण में हमारे काम आएँगी जबकि बुरी घटनाएँ हमें सदैव पीछे की
ओर ही खींचेंगी, इनसे हमारा विकास अवरुद्ध होगा। कवि कहते हैं कि जिसतरह परिवर्तन
सदैव होता रहता है उसी प्रकार हमें भी सभी बंधनों को तोड़कर हमेशा आगे बढ़ते रहना
चाहिए। क्योंकि आगे बढ़ना ही जीवन है।
चाह रहे हम इस धरती को स्वर्ग बनाना
अगर कहीं हो स्वर्ग, उसे धरती पर लाना
सूरज, चाँद, चाँदनी, तारे
सब हैं प्रतिपल साथ हमारे
दो कुरूप को रूप सलोना
इतने सुन्दर बनो कि जितना आकर्षण है॥
अगर कहीं हो स्वर्ग, उसे धरती पर लाना
सूरज, चाँद, चाँदनी, तारे
सब हैं प्रतिपल साथ हमारे
दो कुरूप को रूप सलोना
इतने सुन्दर बनो कि जितना आकर्षण है॥
इतनी अक्छी पंक्तिया इस बात को सिद्ध करती है की आप अध्ययन की भट्टी से निकल एक परपक्व लेखिका है।
ReplyDeleteTati
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deletebhaisab aap tati ho
Deleteइतनी अक्छी पंक्तिया इस बात को सिद्ध करती है की आप अध्ययन की भट्टी से निकल एक परपक्व लेखिका है।
ReplyDeletedhanyawad Ritesh ji
DeleteXxx I love you Rachana
DeleteVery helpful. Thank you for giving parawise explanation.
Deleteमहोदय, यह रचना आदरणीय श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की है http://kavitakosh.org
DeleteBekar
Deleteहा
DeleteThank you
DeleteSchool ke din yaad aa gai.. :-)
ReplyDeletesahi kaha aapne
Delete👍👍👍
DeleteSahi kaha aapne
DeleteCan you tell me the meaning of line - bhaiya ko nutan akshar do
DeleteAbe bakvaas mat karo
DeleteSchool ke din yaad aa gai.. :-)
ReplyDeleteMai to school me he hu
DeleteTo achhe se padhna beta
DeleteMobile zada mat chalana
Regards
Your enemy
@aaa@
DeleteTo Mai kya Karu be sale whatsapp pe kaise karke apni girlfriend ok manaya ab used milna chahata hu Mai to chahta hu school Khul jaye par na bhi khile to na kar mar be hat
DeleteRachana ji ... 👍👍
ReplyDeleteLooking gorgeous
DeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
DeleteThe meaning are absolutely correct
ReplyDeleteThank u Ujjwal
Deleteबहुत ही सुंदर तरीके से आप ने भाव को भावार्थ में परिपक्व किया है ये आप के परिपक्वता की निशानी है प्रणाम ,,,,मेरी तरफ से आप के लिए
ReplyDeleteअवसर
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उन तमाम धूमिल पन्नो की बात
जिसपे जो मर्जी आयी लिखता गया
बिना परवाह ,उतनी समझ ही कहा थी
जैसे खेल खेल में ,और भरता गया
जैसे जैसे समझ आयी उनको मिटाता गया
जो मिेटे नही उनको शूल सा निभाता गया
मेरी किताब का बहुत सारा पन्ना खाली रह गया
पर उस किताब को फिर से लिखना चाहता हु
नए सिरे से ........
बस किसी बारिस का इंतजार है
जिसमे रख दु खोल किताब (जिंदगी) को
ताकी धूल जाए स्याही उन तमाम पन्नो के
जो भरे हुए है .....
मेरे बिस्माध की काली लेखिनी से
फिर लिख सकू
अपने अधियाले जी मे बसे उजाले को
लिख सकू एक नए देव को
#देव पाण्डेय
Thanks ujjal
ReplyDeleteIt's very helpful.
Absolutely correct meaning with bahut hi khubsurat lines.
Very very thanks
Sansar kis jvala mein jal Raha hai
DeleteSansar kale-gore , Rand dwesh ki jawala mein jal RHA hai
DeleteThank mujhe poem ka meaning samjhane ke liye....realy helped my daughter
ReplyDeleteIt’s pleasure for a teacher to help children
DeleteCould u pls tell the summary pls
DeleteSamaj me perivartan kesa ayaga
ReplyDeleteBahut mast h exam me a ha max aya bhaibya ben
ReplyDeleteok
Deletekuch kam ka nahi
ReplyDeletebad
DeleteCorrect
Deleteaap log ke kaam ka nhi hai to padhte kyu hai jinke kaam ka hai unke liye kaam aa rha hai. You re just playing with your life its so useful for the student.
DeleteAcha hai
ReplyDeleteThank you
DeleteKavi kis prakar moulik banana korean kahata hai
ReplyDeletemaulik roop se matalab vastavik roop se sach aur rachanatmak bane na ki kisi ki nakal me yaa swarth me ...... it is my interpretation can be different for you and the poet himself.
DeleteThank you
Sun kar achchha laga
ReplyDeleteKavita mein uchcha uthane ka aashay kya hai
ReplyDeleteLast stanza main kis chaah ki baat Kar rahe hai
ReplyDeleteIs dharati ko apne sapno ke swarg jaisa banane ki chah hai jahan sab saman hain koi bhed bhav, irshya adi nahi hain...
ReplyDeleteIt is very nice .you helped me a lot .THANKS 😀😀😀😀😀
ReplyDeleteFirst para ka to sandarbh likh diya lekin Baki ka nhi likha h apne 🙁😑
ReplyDeleteFrom bhavarth u can make out sandarbh.... try
Deletesuberb it helped me alot.
ReplyDeleteThank you
DeleteKavi at it se kis poshak no lene ki bat
ReplyDeleteKar rahe he
Kavi attit se us poshak ko lene k liye keh rahe h jo hamari sabhyata or sanskriti se juda ho tatha hamari pragati me sahayak ho
Deletethanks for telling 😊😊😊
DeleteIs kavita me ham kiske liye aaya h?
ReplyDeleteSamaj ke liye
DeleteSub saath hai pratipl hamare ka kya meaning hota hai
ReplyDeleteSub hai pratipl Saath hamare ka kya meaning hota hai
ReplyDeleteIt means ki Suraj Chand Aur taare hamare Saath har time rahte he
Delete
ReplyDeleteLooking hot Priya Tripathi
ReplyDeleteLooking hot Priya Tripathi
ReplyDeleteSir question ka answer ja gase
ReplyDeleteThanks it's helps me .
ReplyDeletehi
ReplyDeleteIt is helpful
ReplyDeleteHame iss kavita se kya-kya sikhne ki prerna milti hai
ReplyDeletesamaanta ka bhaav, maulik (original)rahate hue rachanatmak rahana aur sadaiv gatimay bane rahana
Delete'Yug ki naii murti-rachna me'-iss pankti me kis yug ki baat ki jaa rhi hai ?
ReplyDeleteaapake vartamaan kee baat ho rahi hai. hame itana karmatha hona hai ki ham is dharati ko apane Kalpana ke svarg kee Tarah bana sake.
DeleteVhedbhav dur ho jane par jivan kaisa ho jaega ?
ReplyDeletePehle pad me kavi kis prakar ke bhedvhav ko dur karne kibaat kah rha hai ?
ReplyDeletehamaare samaj me bahut se bhedbhav hai, jaise jaati, dharm sampradaya, ameer,gareeb, kshetra,bhasha ityadi. jinase ooper uthakar hame samaanta laani chahiye.
DeletePlease give me answer my hindi teacher mam sachi told to do please i request to give me all the answers very fast the time is up to tommorrow only please
ReplyDeletePlease give me answer my hindi teacher mam sachi told to do please i request to give me all the answers very fast the time is up to tommorrow only please
ReplyDeleteGagan ke samaan ucha uthane keliye kya karna hoga
ReplyDeleteMalay parwat Kiya h ? ,Sir
ReplyDeletemalay parvat ka matlab himalaya parvat
DeleteNice
ReplyDeleteकदम्ब का पेड़ कविता का भावार्थ बतावें
ReplyDeletePlease Sir
ReplyDeleteइसमे सन्दर्भ को प्रसंग लिखा गया है और प्रसंग को सन्दर्भ लिखा है jo ki गलत है admin महोदय is पर ध्यान दे plz
ReplyDeleteअत्यंत भावपूर्ण व्याख्या के लिए कोटिशः धन्यवाद।
ReplyDeleteutsahvardhan ke liye aabhar:)
ReplyDeletegood explanation very helpful!
Deletenyc
ReplyDelete🙏🙏😄😘😍🙄😭😊
ReplyDeleteVery nice line
ReplyDeleteThanks so much for these bhavart it really helped me😊
ReplyDeleteThanks for this
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteThanks for this
ReplyDelete🙏🏻🙏🏻🙏🏻😊😍👍🏼👍🏼
ReplyDeleteThanku , it was very helpful 🙏🙏
ReplyDeleteWhat's this can't understand......
ReplyDeleteThanks it's helpful ok!!,🥴😊🥴😊
ReplyDeleteBekar
ReplyDeleteYEET
ReplyDeletewelpowelp
ReplyDeleteI HATE THIS POEM!!
ReplyDeletei hate this poem
ReplyDeleteBolne se phle soch liya kre aap bol kya rhe 🙏
Deletesach keh reh hai aap ye bolne se pehle sochte nhi hai ki kya bol rhe hai
DeleteThen u r duffer....
ReplyDeleteSo easy....
Very helpful to me and many of my friends...
Thank uh sir/ma'am 🙏
ReplyDeleteTHANKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKKK YOUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUU VERYYYYYYYYYYYYYYYYYYY MUCHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHHH
ReplyDeleteIts a pleasure for a teacher to facilitate the learning and you are a learner.. thank you.
DeleteThank you very much sir/mam
ReplyDeleteThank you this is very helpful for icse syllabus.
ReplyDeleteआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहा भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
ReplyDeletereally helped me
ReplyDeletethanks you
कवि ने हमें ब्रश क्यों कहा है ?
ReplyDeleteWow its amazing
ReplyDeleteIt help me a lot of understanding this poem
ReplyDeleteIt really helped for my oral exam thanks a lot. those people who say that this poem is not useful they are really going to regret for saying this...
ReplyDeleteआपका बहुत आभार...
DeleteThanks mer exam me madad hogayi
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 28 मई 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteThank you so much🙏
Delete