प्रश्न: दिए गए गद्यांश
को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जीवन में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हमें पैसों की
ज़रूरत पड़ती है। इसलिए धन को सुरक्षित रखना आवश्यक है। बैंक एक ऐसी ही वित्तीय
संस्था है जिसमें लोग अपना धन सुरक्षित रखते हैं। इसके लिए बैंक उस धन पर कुछ
ब्याज भी देते है। ज़रूरत पड़ने पर लोग अपनी आवश्यकतानुसार बैंकों से ऋण भी लेते हैं
और धीरे-धीरे कर उस ऋण को ब्याज के साथ बैंक को वापस चुकाते हैं। बैंक बहुत से
कार्यों के लिए कर्ज देते हैं, जैसे- घर बनाने के लिए, उच्च शिक्षा के लिए, शादी-ब्याह
के लिए, कारोबार के लिए, व्यक्तिगत ज़रूरत के लिए आदि। इस ऋण पर मिलने वाला ब्याज
ही बैंकों की आमदनी का मुख्य स्रोत है।
भारत में बैंकों का इतिहास मात्र २०० साल पुराना है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया
कंपनी ने तीन बैंकों की स्थापना की। बैंक ऑफ़ बंगाल, बैंक ऑफ़ बॉम्बे और बैंक ऑफ़
मद्रास। बाद में इन तीनों बैंकों को एक साथ मिलाकर इम्पीरियल बैंक बना दिया गया और
इसकों ही १९५५ में भारतीय स्टेट बैंक के नाम से जाना जाने लगा।
इलाहाबाद बैंक भारत का पहला निजी बैंक था। १९३५ में बने भारतीय रिज़र्व बैंक को
स्वतंत्रता के पश्चात केंद्रीय बैंक का दर्जा दिया गया। इसे बैंकों का बैंक भी
घोषित किया गया। वित्त से संबंधित सभी नीतियों और अन्य वित्तीय संस्थाओं की
नियंत्रण शक्ति भारतीय रिज़र्व बैंक के पास ही हैं।
स्वतंत्रता पश्चात सबसे पहले १९४९
में भारती रिज़र्व बैंक का और बाद में १९
जुलाई १९६९ को देश के प्रमुख १४ बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ। वर्तमान में कुल १९
राष्ट्रीयकृत बैंक हैं। राष्ट्रीय बैंक का तात्पर्य है कि ये बैंक अब देश की
सरकार के आधीन होंगे इसलिए हम सुविधा की दृष्टि से इन्हें सरकारी बैंक भी कहते
हैं।
इसके अतिरिक्त कई वित्तीय संस्थाएँ, बीमा संस्थाएँ, निजी बैंक, विदेशी बैंक,
सहकारी बैंक आदि बैंकिंग उद्योग का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
१. १ बैंक
क्या हैं और हमें बैंको की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
२.
बैंक
किन-किन कार्यों के लिए कर्ज देते है?
३.
भारत
में बैंकों की शुरुआत कब हुई? विस्तार से समझाइए।
४.
बैंकों
के राष्ट्रीय करण से आप क्या समझते हैं? बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब हुआ?
५.
भारत
का पहला निजी बैंक कौन-सा था?
६.
भारतीय
रिजर्व बैंक के क्या कार्य हैं?
७.
इस
गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए।